झारखंड में महिलाओं और किशोरियों के लिए सरकारी योजनाएं: सशक्तिकरण की ओर बढ़ता एक मजबूत कदम
Jharkhand Mahila Kishori Welfare Schemes: झारखंड राज्य, सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की महिलाओं और किशोरियों को सशक्त बनाने की दिशा में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सक्रिय प्रयास कर रहा है। गरीबी, कुपोषण, बाल विवाह, अशिक्षा और बेरोजगारी जैसी समस्याओं से जूझ रही महिलाओं को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं न केवल राहत देती हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनने का अवसर भी प्रदान करती हैं। यह लेख झारखंड सरकार द्वारा महिलाओं और किशोरियों के लिए चलाई जा रही प्रमुख योजनाओं की विस्तृत जानकारी देता है, जो आम जनमानस के लिए उपयोगी है।
1. फुलो झानो आशीर्वाद अभियान
इस योजना का उद्देश्य है ग्रामीण क्षेत्रों की उन महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ना, जो मादक पदार्थों (जैसे गांजा, हड़िया आदि) की बिक्री में लिप्त थीं। योजना के तहत हर महिला को ₹25,000 तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है, ताकि वे वैकल्पिक आजीविका की ओर कदम बढ़ा सकें। इस अभियान से जुड़कर हजारों महिलाओं ने स्वाभिमान के साथ नया जीवन शुरू किया है।
2. पलक ब्रांड योजना
झारखंड राज्य ग्रामीण विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही इस योजना में ग्रामीण महिलाओं के स्वावलंबन को प्राथमिकता दी गई है। स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं पोषणयुक्त खाद्य सामग्री बनाकर ‘पलक’ नाम से ब्रांडिंग करती हैं। यह खाद्य सामग्री आंगनबाड़ी केंद्रों में आपूर्ति की जाती है, जिससे महिलाओं को आय भी होती है और कुपोषण से भी लड़ाई होती है।
3. नन्ही चाय योजना और नन्ही छतरी योजना
इन दोनों योजनाओं के माध्यम से सरकार ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर रही है। नन्ही चाय योजना के अंतर्गत महिलाएं चाय की दुकानें शुरू कर सकती हैं, जबकि नन्ही छतरी योजना के तहत खुले स्थानों पर आजीविका चलाने के लिए महिलाओं को वित्तीय मदद दी जाती है। इन योजनाओं में प्राथमिकता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग और विधवा महिलाओं को दी जाती है।
4. मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
इस योजना के अंतर्गत निर्धन परिवार की कन्याओं के विवाह हेतु ₹30,000 की सहायता राशि दी जाती है। योजना का उद्देश्य समाज में बेटियों की स्थिति को बेहतर बनाना और उनके विवाह में वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
5. प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY)
गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु की देखभाल हेतु इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी को दो किश्तों में ₹5000 की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसमें पहली किश्त गर्भावस्था के पंजीकरण के समय और दूसरी प्रसव के बाद दी जाती है। यह योजना विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए लाभकारी है।
6. किशोरियों के लिए पोषण योजना
14 से 18 वर्ष की उम्र की किशोरियों को Take Home Ration (THR) के रूप में पौष्टिक आहार जैसे कि आयरन युक्त खाद्य पदार्थ, विटामिन्स और मिनरल्स दिए जाते हैं। इस योजना का उद्देश्य किशोरियों में कुपोषण की समस्या को दूर करना है और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य की ओर ले जाना है।
7. सुकन्या समृद्धि योजना और लड़की शिक्षा प्रोत्साहन योजना
इस योजना के अंतर्गत कक्षा 8वीं से 12वीं तक की पढ़ाई कर रही लड़कियों को ₹2500 से ₹5000 तक की राशि दी जाती है। वहीं, 18-19 वर्ष की उम्र की उन लड़कियों को ₹20,000 की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि मिलती है, जो उच्च शिक्षा या कौशल विकास में आगे बढ़ना चाहती हैं। यह योजना सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग की छात्राओं के लिए अत्यंत उपयोगी है।
8. महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (MKSP)
इस योजना के तहत महिलाएं कृषि, पशुपालन, वानिकी, मशरूम उत्पादन और रेशम पालन जैसी गतिविधियों में प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता प्राप्त करती हैं। परियोजना का उद्देश्य महिला किसानों को बाजार से जोड़ना और उन्हें स्थायी रोजगार देना है।
9. जोहार योजना
जोहार योजना झारखंड सरकार द्वारा लागू की गई एक प्रमुख आजीविका आधारित योजना है। इसके अंतर्गत महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों में संगठित कर कृषि, मत्स्य पालन, बागवानी और हस्तशिल्प में प्रशिक्षण दिया जाता है। योजना के माध्यम से लाभार्थी को ₹1 लाख तक का सहयोग उपलब्ध कराया जाता है।
10. स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (SVEP)
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देना है। इच्छुक महिलाएं गांव के स्तर पर स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं, जैसे—सिलाई, दुकान, सेवा उद्योग आदि। उन्हें बिजनेस ट्रेनिंग के साथ पूंजी भी दी जाती है।
11. दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM)
झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वयं सहायता समूह (SHGs) बनाए गए हैं, जो छोटे-छोटे लोन लेकर व्यवसाय में लगती हैं। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता देने में मदद करती है।
12. मुख्यमंत्री लघु उद्यम प्रोत्साहन योजना
इस योजना के तहत राज्य में महिला कारीगरों और हस्तशिल्प से जुड़े समूहों को प्रशिक्षण, बाजार सुविधा और लोन की सुविधा दी जाती है। इसका उद्देश्य महिलाओं को पारंपरिक शिल्प और व्यवसाय में कुशल बनाकर रोजगार दिलाना है।
13. गृह निर्माण सहायता
झारखंड सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति, PVTG और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की विधवा या अकेली महिलाओं को आवास सहायता देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे—प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), इंदिरा आवास योजना आदि।
निष्कर्ष
झारखंड राज्य की ये योजनाएं महिलाओं और किशोरियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य कर रही हैं। यह योजनाएं न केवल सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती हैं, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान भी दिला रही हैं। राज्य सरकार का यह प्रयास देश के अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। अगर इन योजनाओं का सही तरीके से प्रचार-प्रसार हो और पात्र लाभार्थियों तक इन्हें पहुंचाया जाए, तो यह झारखंड को महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अग्रणी बना सकता है।
नोट: अधिक जानकारी और आवेदन हेतु संबंधित योजना की वेबसाइट या नजदीकी पंचायत/प्रखंड कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।
—समाप्त—
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