मैंने पहली बार जातिवाद का सामना कब किया – एक पत्रकार की डायरी
बात करीब 8 साल से भी ज्यादा पुरानी है। पत्रकारिता जगत में मेरा शैशवावस्था था, ऐसा आप कह सकते हैं। इंटर कॉलेज के समय से ही मैं पार्ट टाइम में कस्बे के एक सहज जन सेवा केंद्र कम और साइबर कैफे ज़्यादा लगने वाली दुकान पर फ्री में कम्प्यूटर सीख रहा था। तब मेरे लिए … Read more