महाराष्ट्र में SC, ST, OBC और General की कौन सी हैं नोटिफाइड जातियां-उपजातियां?

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महाराष्ट्र, भारत का एक प्रमुख राज्य, अपनी सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता के लिए जाना जाता है। यहां की सामाजिक संरचना में जातियां एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, और ये जातियां भारत के संविधान और राज्य सरकार की नीतियों के तहत विभिन्न श्रेणियों जैसे अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), और सामान्य (General) श्रेणी में वर्गीकृत की गई हैं। यह वर्गीकरण सामाजिक, शैक्षिक, और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को आरक्षण और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया गया है।

इस आर्टिकल में, हम महाराष्ट्र में इन श्रेणियों में शामिल प्रमुख जातियों की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, जो कि भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार के आधिकारिक स्रोतों पर आधारित है।

अनुसूचित जाति (SC) में शामिल जातियां

अनुसूचित जाति (SC) में वे समुदाय शामिल हैं, जिन्हें ऐतिहासिक रूप से सामाजिक भेदभाव और अस्पृश्यता का सामना करना पड़ा है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत ये जातियां अधिसूचित हैं। महाराष्ट्र में अनुसूचित जातियों की कुल संख्या 59 है, और ये समुदाय मुख्य रूप से सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। इन समुदायों को शिक्षा, नौकरी, और अन्य क्षेत्रों में 15% आरक्षण प्राप्त है। नीचे दी गई तालिका में महाराष्ट्र में प्रमुख SC जातियों की सूची दी गई है:

श्रेणीप्रमुख जातियां
अनुसूचित जाति (SC)महार, मातंग (मांग), चमार, मोची, चर्मकार, रविदास, ढोर, कक्कय्या, बसोर, भंगी, मेहतर, वाल्मीकि, होलार, डोम, खटिक, कोली महादेव, माला, मेघवाल, रामदासी, रैगड़, बालाही, कमाठी

महाराष्ट्र में SC समुदायों की स्थिति को समझने के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि इनमें से कई जातियों में उपजातियां भी शामिल हैं। उदाहरण के लिए, चमार समुदाय में रविदास, रोहिदास, और चर्मकार जैसी उपजातियां हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में स्पष्ट किया कि SC सूची में बदलाव का अधिकार केवल संसद को है, जिसके कारण यह सूची केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित और संरक्षित है। आधिकारिक जानकारी के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की वेबसाइट (socialjustice.gov.in) और महाराष्ट्र सरकार के सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग (sjsa.maharashtra.gov.in) की जांच की जा सकती है।

अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल जातियां

अनुसूचित जनजातियां (ST) महाराष्ट्र के स्वदेशी आदिवासी समुदाय हैं, जो अपनी विशिष्ट संस्कृति, परंपराओं, और भौगोलिक अलगाव के लिए जाने जाते हैं। ये समुदाय संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत अधिसूचित हैं और इन्हें 7.5% आरक्षण प्राप्त है। महाराष्ट्र में 47 अनुसूचित जनजातियां हैं, जो मुख्य रूप से नंदुरबार, धुळे, नाशिक, पालघर, ठाणे, चंद्रपुर, और गढ़चिरौली जैसे ग्रामीण और वन क्षेत्रों में निवास करती हैं। नीचे दी गई तालिका में प्रमुख ST जातियों की सूची दी गई है:

श्रेणीप्रमुख जातियां
अनुसूचित जनजाति (ST)गोंड (रज गोंड, अरख, असुर, भिम्मा, भुता, कोलम, माडिया, मुरिया), भिल (भिलाला, बरेला, पटेलिया), कोरकू, वारली, कोली माल्हार, कोकना/कोकणी, आंध, कटकरी/कठोडी, धनवार, हल्बा, पावरा, माडिया, कोया, कोली धोर

ST समुदायों की संस्कृति और जीवनशैली महाराष्ट्र की आदिवासी विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ये समुदाय वनों, कृषि, और परंपरागत व्यवसायों पर निर्भर हैं। इनके विकास के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय (tribal.nic.in) और महाराष्ट्र सरकार का जनजातीय विकास विभाग (tribal.maharashtra.gov.in) विभिन्न योजनाएं संचालित करते हैं।

अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में शामिल जातियां

अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में वे समुदाय शामिल हैं, जो सामाजिक, शैक्षिक, और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं, लेकिन SC या ST श्रेणी में नहीं आते। OBC सूची राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) और महाराष्ट्र सरकार के पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा तैयार की जाती है। इस श्रेणी को केंद्रीय स्तर पर 27% आरक्षण प्राप्त है। महाराष्ट्र में OBC में 200 से अधिक जातियां और उपजातियां शामिल हैं। नीचे दी गई तालिका में प्रमुख OBC जातियों की सूची दी गई है:

श्रेणीप्रमुख जातियां
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)कुणबी, तेली, माळी, कोष्टी, लोहार, वंजारी, शिंपी, नाभिक, साळी, सुतार, धनगर, गवळी, कलार, परीट, भंडारी, तांबट, गुरव, रंगारी, साहू, पांचाळ

OBC समुदायों में कुछ उप-वर्गीकरण भी हैं, जैसे विशेष पिछड़ा वर्ग (SBC), जिसमें कुछ क्षेत्रों में मराठा और अन्य समुदाय शामिल हो सकते हैं। OBC सूची समय-समय पर संशोधित होती है, और नवीनतम जानकारी के लिए NCBC की वेबसाइट (ncbc.nic.in) या महाराष्ट्र सरकार के सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग की जांच की जानी चाहिए।

सामान्य (General) श्रेणी में शामिल जातियां

सामान्य श्रेणी में वे समुदाय शामिल हैं, जो SC, ST, या OBC की सूचियों में नहीं आते। इस श्रेणी में कोई आधिकारिक जाति सूची नहीं है, क्योंकि यह एक डिफॉल्ट श्रेणी है। हालांकि, 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10% आरक्षण लागू किया गया, जो सामान्य श्रेणी के उन लोगों के लिए है, जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है। नीचे दी गई तालिका में सामान्य श्रेणी में शामिल कुछ प्रमुख समुदायों की सूची दी गई है:

श्रेणीप्रमुख जातियां
सामान्य (General)ब्राह्मण (देशस्थ, चितपावन, कार्हाडे, सारस्वत), मराठा, वैश्य/वाणी, जैन, पारसी, सिंधी, कायस्थ, पटेल, काठियावाड़ी

मराठा समुदाय की स्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि कुछ क्षेत्रों में मराठा OBC या SBC में शामिल हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 2021 के निर्णय के बाद अधिकांश मराठा सामान्य श्रेणी में ही हैं। सामान्य श्रेणी के लिए EWS आरक्षण ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को अवसर प्रदान किए हैं।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र में SC, ST, OBC, और सामgeneral श्रेणियों में शामिल जातियां सामाजिक और आर्थिक नीतियों का आधार हैं, जो समावेशी विकास को बढ़ावा देती हैं। यह आर्टिकल आधिकारिक स्रोतों पर आधारित है और पाठकों को विश्वसनीय जानकारी प्रदान करता है। किसी विशिष्ट जाति की स्थिति की पुष्टि के लिए, संबंधित सरकारी विभागों से संपर्क करना उचित है। यह जानकारी न केवल शैक्षिक है, बल्कि उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो आरक्षण, सरकारी योजनाओं, और सामाजिक संरचना के बारे में जानना चाहते हैं।

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