भारत के सामाजिक और संवैधानिक ढांचे में जातियों का वर्गीकरण एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। गुजरात, जो भारत के सबसे विकसित राज्यों में से एक है, में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), और सामान्य (General) श्रेणियों में कई जातियां और समुदाय शामिल हैं। यह लेख गुजरात में इन श्रेणियों के अंतर्गत आने वाली जातियों की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जो भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग, और गुजरात सरकार के आधिकारिक स्रोतों पर आधारित है।
इस लेख का उद्देश्य पाठकों को एक विश्वसनीय, सुगठित, और नवीनतम जानकारी देना है, जो उनकी जिज्ञासा को शांत करे और सरकारी योजनाओं, आरक्षण नीतियों, और सामाजिक संरचना को समझने में मदद करे।
गुजरात में जाति वर्गीकरण का महत्व
गुजरात में जातियों का वर्गीकरण भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 (SC), अनुच्छेद 342 (ST), और अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया जाता है। यह वर्गीकरण सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े समुदायों को शिक्षा, नौकरी, और कल्याणकारी योजनाओं में आरक्षण प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है। गुजरात में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 6.74%, अनुसूचित जनजातियों की 14.75%, और अन्य पिछड़ा वर्ग की अनुमानित 40% है। सामान्य श्रेणी में शेष जनसंख्या आती है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए विशेष प्रावधान हैं। इस लेख में हम इन सभी श्रेणियों में शामिल जातियों को तालिकाओं के माध्यम से समझेंगे, ताकि जानकारी स्पष्ट और संक्षिप्त हो।
1. अनुसूचित जाति (SC) में शामिल जातियां
अनुसूचित जातियां (Scheduled Castes) वे समुदाय हैं, जिन्हें भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा माना गया है। गुजरात में SC समुदायों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 7% आरक्षण प्राप्त है। इन समुदायों की सूची संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 और इसके बाद के संशोधनों पर आधारित है। नीचे दी गई तालिका में गुजरात की प्रमुख SC जातियां सूचीबद्ध हैं:
क्र.सं. | जाति/समुदाय | उपजातियां/विवरण |
---|---|---|
1 | भांबी | भांबोई, चमार, चमारी, चमरगार, हरलय्या, खालपा, माचीगर, मोचीगर, नालिया, रोहित, समगर |
2 | भंगी | मेहतर, ओलगाना, रुखी, मलकाना, हलालखोर, लालबेगी, बाल्मीकि, कोरार, झडमाली |
3 | बावा | वंकर, वटरी |
4 | चालवादी | चन्नया |
5 | गारो | गरोडा, गरो |
6 | हाडी | – |
7 | सेनवा | शेनवा, चेनवा, सेडमा, रावत |
8 | टुरी | टुरी बारोट, डेढ बारोट |
9 | तिरगर | तिरबंदा |
10 | मेघवाल | मेनघवर |
11 | पासी | – |
12 | खटिक | – |
13 | कोली | कोरी (कुछ क्षेत्रों में) |
14 | धनकर | – |
15 | बवचा | बामचा |
नोट: समुदायों में कुछ जातियां, जैसे चमार और मेघवाल, विभिन्न क्षेत्रों में उपजातियों के रूप में अलग-अलग नामों से जानी जाती हैं। यह सूची गुजरात के लिए विशिष्ट है, और अन्य राज्यों में SC की सूची भिन्न हो सकती है। इन समुदायों को शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक कल्याण योजनाओं में विशेष लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे छात्रवृत्ति, आवास योजनाएं, और अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत संरक्षण।
2. अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल जातियां
अनुसूचित जनजातियां (Scheduled Tribes) गुजरात के आदिवासी समुदाय हैं, जिन्हें संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत अधिसूचित किया गया है। ये समुदाय मुख्य रूप से गुजरात के ग्रामीण और वन क्षेत्रों, जैसे डांग, सूरत, वलसाड, और भरूच जिलों में निवास करते हैं। ST समुदायों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 14% आरक्षण प्राप्त है। निम्नलिखित तालिका में गुजरात की प्रमुख ST जातियां दी गई हैं:
क्र.सं. | जाति/समुदाय | उपजातियां/विवरण |
---|---|---|
1 | भील | भील गरासिया, ढोली भील, डूंगरी भील, डूंगरी गरासिया, मेवासी भील, रावल भील, तडवी भील, भगालिया, भिलाला, पावरा, वसावा, वासेव |
2 | चौधरी | – |
3 | धनका | तडवी, तेतरिया, वाल्वी |
4 | ढोडिया | – |
5 | गामित | गामता, गावित, मावची, पडवी |
6 | गोंड | राजगोंड |
7 | काठोडी | कटकरी, ढोर काठोडी, ढोर कटकरी, सोन काठोडी, सोन कटकरी |
8 | कोकना | कोकनी, कुकना |
9 | कोली | सूरत, वलसाड, डांग, नवसारी, और भरूच जिलों में |
10 | कुंवर | कंवर |
11 | नायकदा | नायका |
12 | पटेलिया | – |
13 | राठवा | – |
14 | सिद्दी | जूनागढ़, भावनगर, जामनगर, और सौराष्ट्र क्षेत्र में |
15 | वरली | – |
नोट: भील और उनके उप-समूह गुजरात के सबसे बड़े आदिवासी समुदाय हैं, जो मुख्य रूप से पूर्वी और दक्षिणी गुजरात में रहते हैं। सिद्दी समुदाय, जो अफ्रीकी मूल का है, सौराष्ट्र क्षेत्र में केंद्रित है। ST समुदायों को आदिवासी कल्याण योजनाओं, जैसे वन अधिकार अधिनियम, 2006, और विशेष शैक्षिक कार्यक्रमों का लाभ मिलता है।
3. अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में शामिल जातियां
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में वे समुदाय शामिल हैं, जिन्हें सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा माना जाता है। गुजरात में OBC समुदायों को 27% आरक्षण प्राप्त है, और उनकी जनसंख्या लगभग 40% अनुमानित है। OBC की सूची गुजरात राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा समय-समय पर संशोधित की जाती है। निम्नलिखित तालिका में कुछ प्रमुख OBC जातियां दी गई हैं:
क्र.सं. | जाति/समुदाय | विवरण |
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1 | अहीर | यादव |
2 | बारी | बारीया |
3 | कोली | कुछ क्षेत्रों में, जहां SC/ST में शामिल नहीं |
4 | कुंभार | प्रजापति |
5 | लुहार | पांचाल |
6 | माली | – |
7 | रबारी | रेबारी |
8 | सूथार | मिस्त्री |
9 | ठक्कर | ठाकोर |
10 | विश्वकर्मा | – |
नोट: OBC सूची में सैकड़ों जातियां और उपजातियां शामिल हैं, और यह सूची क्षेत्रीय आधार पर भिन्न हो सकती है। कोली और ठाकोर जैसे समुदाय OBC में प्रमुख हैं और सामाजिक-राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं। इन समुदायों को छात्रवृत्ति, स्वरोजगार योजनाएं, और अन्य सरकारी लाभ प्रदान किए जाते हैं।
4. सामान्य (General) श्रेणी में शामिल जातियां
सामान्य (General) श्रेणी में वे जातियां शामिल हैं, जो SC, ST, या OBC के अंतर्गत नहीं आतीं। गुजरात सरकार ने 2018 में 69 गैर-आरक्षित (Unreserved) जातियों की सूची जारी की थी, जिन्हें सामान्य श्रेणी में रखा गया है। ये समुदाय आरक्षण का लाभ तभी ले सकते हैं, जब वे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के मानदंडों को पूरा करते हैं। निम्नलिखित तालिका में प्रमुख सामान्य श्रेणी की जातियां दी गई हैं:
क्र.सं. | जाति/समुदाय | विवरण |
---|---|---|
1 | ब्राह्मण | नागर, अनाविल, औदिच्य, तपोधन, मेवाडा, मोढ, गुगली, सांचोरा, श्रीमाली आदि |
2 | पटेल | पटिदार (कुछ क्षेत्रों में, जहां OBC में शामिल नहीं) |
3 | राजपूत | क्षत्रिय |
4 | वैश्य | बनिया |
5 | जैन | जैन बर्णवाल सहित |
6 | लोहाना | – |
7 | खत्री | – |
8 | सिंधी | – |
9 | मुस्लिम | सैयद, शेख, पठान (जो OBC में शामिल नहीं) |
10 | ईसाई, पारसी, यहूदी | कुछ समुदाय |
नोट: सामान्य श्रेणी में शामिल जातियां EWS के तहत 10% आरक्षण के लिए पात्र हो सकती हैं, यदि वे आय और संपत्ति के मानदंडों को पूरा करती हैं। पटेल समुदाय में कुछ उपजातियां OBC में शामिल हैं, जबकि अन्य सामान्य श्रेणी में आती हैं।
गुजरात में आरक्षण नीति और जनसंख्या अनुपात
गुजरात में आरक्षण नीति भारत के संविधान और राज्य सरकार की नीतियों पर आधारित है। SC को 7%, ST को 14%, OBC को 27%, और EWS को 10% आरक्षण प्रदान किया जाता है। 2011 की जनगणना के अनुसार, गुजरात की जनसंख्या में SC और ST का हिस्सा क्रमशः 6.74% और 14.75% है, जबकि OBC की जनसंख्या अनुमानित 40% है। सामान्य श्रेणी में शेष जनसंख्या (लगभग 38-40%) आती है। यह नीति शिक्षा, सरकारी नौकरियों, और कल्याणकारी योजनाओं में समान अवसर प्रदान करने के लिए बनाई गई है।
निष्कर्ष
गुजरात में SC, ST, OBC, और सामान्य श्रेणियों में शामिल जातियां सामाजिक और आर्थिक स्थिति के आधार पर वर्गीकृत हैं। यह वर्गीकरण संवैधानिक प्रावधानों और सरकारी अधिसूचनाओं पर आधारित है, जो समय-समय पर संशोधित होती हैं। यदि आप किसी विशिष्ट जाति की स्थिति जानना चाहते हैं या सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं, तो आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें।
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