छत्तीसगढ़, भारत का एक सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से विविधतापूर्ण राज्य है, जहां विभिन्न जातियां और समुदाय एक साथ निवास करते हैं। यह राज्य अपनी जनजातीय संस्कृति और सामाजिक संरचना के लिए जाना जाता है। भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), और सामान्य (General) श्रेणियों में जातियों को वर्गीकृत किया गया है। यह वर्गीकरण संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950, संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश, 1950, और छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अधिसूचनाओं पर आधारित है।
इस आर्टिकल में हम छत्तीसगढ़ में इन श्रेणियों के अंतर्गत आने वाली जातियों की विस्तृत और आधिकारिक जानकारी प्रदान करेंगे, जो विश्वसनीय स्रोतों जैसे छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग, और पिछड़ा वर्ग आयोग से प्राप्त की गई है।
छत्तीसगढ़ में जाति वर्गीकरण का महत्व
छत्तीसगढ़ में जाति वर्गीकरण न केवल सामाजिक संरचना को समझने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सरकारी नीतियों, आरक्षण, और कल्याणकारी योजनाओं के लिए भी आधार प्रदान करता है। 2011 की जनगणना के अनुसार, छत्तीसगढ़ की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति (SC) का हिस्सा 11.6%, अनुसूचित जनजाति (ST) का 30.62%, और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का लगभग 40% है। सामान्य श्रेणी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) शेष जनसंख्या का हिस्सा हैं। प्रत्येक श्रेणी को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिलता है, जो सामाजिक और आर्थिक उत्थान में सहायता करता है। आइए, इन श्रेणियों और उनके अंतर्गत आने वाली जातियों पर विस्तार से जानें।
अनुसूचित जाति (SC) की सूची
छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या 2,08,33,803 (2011 जनगणना) है, जो कुल आबादी का 11.6% है। राज्य में 44 जातियां और उपजातियां SC श्रेणी में अधिसूचित हैं, जिन्हें 13% आरक्षण का लाभ मिलता है। ये जातियां सामाजिक और ऐतिहासिक रूप से वंचित समुदायों का प्रतिनिधित्व करती हैं। नीचे एक तालिका में प्रमुख SC जातियों की सूची दी गई है:
जाति/उपजाति | विवरण |
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चमार, चमारी, रजक, रैदास, रविदास | सबसे बड़ी SC जाति, जो चमड़ा उद्योग और अन्य कार्यों से जुड़ी है। |
सतनामी | छत्तीसगढ़ में सामाजिक सुधार आंदोलन से जुड़ा समुदाय। |
मेहतर, भंगी | स्वच्छता कार्यों से संबंधित। |
धोबी | कपड़ा धुलाई से जुड़ा समुदाय। |
गंडा, गांडी | पारंपरिक संगीत और कला से संबंधित। |
खटीक | मांस व्यापार से जुड़ा समुदाय। |
कटिया, पाठरिया | ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाला समुदाय। |
अनुसूचित जातियों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार विभिन्न योजनाएं जैसे छात्रवृत्ति, आवास, और रियायती ऋण प्रदान करती है। रायपुर जिला SC जनसंख्या का सबसे बड़ा केंद्र है, जबकि दंतेवाड़ा में इनकी जनसंख्या सबसे कम है।
अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची
छत्तीसगढ़ को भारत का “जनजातीय हृदय” माना जाता है, क्योंकि यहां अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 78,22,902 (2011 जनगणना) है, जो कुल आबादी का 30.62% है। राज्य में 42 प्रमुख जनजातियां और 161 उपजातियां अधिसूचित हैं, जिन्हें 32% आरक्षण प्राप्त है। गोंड जनजाति सबसे बड़ी है और लगभग पूरे राज्य में पाई जाती है। 2022 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 और जाति समुदायों को ST सूची में शामिल किया, जिससे लगभग 75,000 लोग लाभान्वित हुए। नीचे प्रमुख ST जातियों की तालिका दी गई है:
जाति/उपजाति | विवरण |
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गोंड | उपजातियां: अरख, अगरिया, असुर, बड़ी मारिया, भटोला, कोया, धुरवा। |
बैगा | विशेष रूप से संरक्षित जनजाति, बस्तर और कबीरधाम में पाई जाती है। |
भतरा | बस्तर क्षेत्र की प्रमुख जनजाति। |
भील, भिलाला | दक्षिणी छत्तीसगढ़ में निवास। |
धनवार, धनुहार | 2022 में ST सूची में शामिल। |
सौंरा | 2022 में ST सूची में शामिल। |
बिंझिया | 2022 में ST सूची में शामिल। |
बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, जशपुर, और सरगुजा जैसे जिले जनजातीय बहुल क्षेत्र हैं। अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 इन समुदायों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है।
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की सूची
छत्तीसगढ़ में OBC की जनसंख्या लगभग 1.27 करोड़ (कुल जनसंख्या का 40%) है। राज्य में 42 जातियां और 161 उपजातियां OBC श्रेणी में अधिसूचित हैं, जिन्हें 27% आरक्षण का लाभ मिलता है। ये जातियां सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी मानी जाती हैं। नीचे प्रमुख OBC जातियों की तालिका दी गई है:
जाति/उपजाति | विवरण |
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यादव | पशुपालन और कृषि से जुड़ा समुदाय। |
कुर्मी | कृषि आधारित समुदाय। |
साहू | तेल उत्पादन और व्यापार से जुड़ा। |
तेली | तेल निकालने का पारंपरिक व्यवसाय। |
माली | बागवानी से संबंधित। |
केवट | मछुआरों का समुदाय। |
लोहार | लोहा कार्य से संबंधित। |
OBC सूची को छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा समय-समय पर अद्यतन किया जाता है। यह समुदाय सरकारी योजनाओं और आरक्षण के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक विकास का लाभ उठाता है।
सामान्य (General) और EWS श्रेणी
सामान्य श्रेणी में वे जातियां शामिल हैं, जो SC, ST, या OBC के अंतर्गत नहीं आतीं। छत्तीसगढ़ में सामान्य श्रेणी की कोई आधिकारिक जाति सूची नहीं है, लेकिन इसमें कुछ प्रमुख जातियां शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10% आरक्षण का लाभ मिलता है। नीचे सामान्य श्रेणी की प्रमुख जातियों की तालिका दी गई है:
जाति/उपजाति | विवरण |
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ब्राह्मण | शिक्षा और धार्मिक कार्यों से जुड़ा समुदाय। |
राजपूत | योद्धा वर्ग, सामाजिक नेतृत्व। |
कायस्थ | लेखन और प्रशासनिक कार्यों से संबंधित। |
वैश्य/बनिया | व्यापार और वाणिज्य से जुड़ा। |
जैन | व्यापार और अहिंसा सिद्धांतों से संबंधित। |
EWS आरक्षण का लाभ लेने के लिए परिवार की वार्षिक आय और अन्य मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है। यह श्रेणी सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को समर्थन प्रदान करती है।
आरक्षण नीति और सामाजिक प्रभाव
छत्तीसगढ़ में आरक्षण नीति सामाजिक समावेशन और आर्थिक समानता को बढ़ावा देती है। नीचे आरक्षण का विवरण है:
- SC: 13% (नौकरियां और शिक्षा)
- ST: 32% (जनजातीय क्षेत्रों में विशेष प्राथमिकता)
- OBC: 27% (सामाजिक-आर्थिक विकास)
- EWS: 10% (सामान्य वर्ग के लिए)
यह नीति संविधान के अनुच्छेद 341 और 342 के तहत कार्यान्वित होती है। SC और ST सूचियों में संशोधन का अधिकार केवल संसद को है, जबकि OBC सूची को राज्य सरकार अद्यतन कर सकती है।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में SC, ST, OBC, और General श्रेणियों में शामिल जातियां राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती हैं। इन श्रेणियों की आधिकारिक सूचियां छत्तीसगढ़ सरकार के पोर्टल्स (cgsccommission.com, cgstcommission.org, cgobc.com) और भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय से प्राप्त की जा सकती हैं। यदि आप किसी विशिष्ट जाति या योजना के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो इन पोर्टल्स पर उपलब्ध PDF सूचियां डाउनलोड करें। यह आर्टिकल नवीनतम और आधिकारिक जानकारी (2025 तक) पर आधारित है, जो आपके लिए विश्वसनीय और उपयोगी साबित होगी।
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