तमिलनाडु, भारत के उन राज्यों में से एक है, जो सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने के लिए अपनी आरक्षण नीति के तहत विभिन्न जातियों को अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), और सामान्य श्रेणी (General Category) में वर्गीकृत करता है। यह वर्गीकरण भारत के संविधान और तमिलनाडु सरकार की नीतियों पर आधारित है, जिसका उद्देश्य सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को आरक्षण और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सशक्त बनाना है।
इस लेख में, हम तमिलनाडु में इन श्रेणियों में शामिल जातियों, उनकी स्थिति, और संबंधित नीतियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। यह जानकारी प्रामाणिक स्रोतों जैसे तमिलनाडु सरकार की वेबसाइट, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, और 2011 की जनगणना पर आधारित है।
अनुसूचित जाति (Scheduled Castes – SC) और उनकी स्थिति
अनुसूचित जातियाँ (SC) वे समुदाय हैं, जो ऐतिहासिक रूप से सामाजिक भेदभाव, अस्पृश्यता और आर्थिक वंचना का शिकार रहे हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत इन्हें अधिसूचित किया गया है। तमिलनाडु में SC समुदायों की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 1.44 करोड़ है, जो राज्य की कुल जनसंख्या का 20.01% है। इन समुदायों को शिक्षा, सरकारी नौकरियों और विधायी निकायों में 18% आरक्षण प्राप्त है, जिसमें अरुंधतियार समुदाय के लिए 3% उप-कोटा शामिल है।
तमिलनाडु में SC श्रेणी में कुल 76 जातियाँ या उप-जातियाँ शामिल हैं।नीचे दी गई तालिका में तमिलनाडु में SC श्रेणी की कुछ प्रमुख जातियों का उल्लेख किया गया है:
जाति/उप-जाति | विवरण |
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अरुंधतियार (Arunthathiyar) | SC के भीतर विशेष रूप से वंचित, 3% उप-कोटा के साथ। |
आदि द्रविड़ (Adi Dravida) | प्रमुख SC समुदाय, मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में। |
पल्लर (Pallar) | कृषि और ग्रामीण कार्यों से जुड़ा समुदाय। |
परैयर (Paraiyar) | ऐतिहासिक रूप से सामाजिक भेदभाव का सामना करने वाला समुदाय। |
चक्किलियान (Chakkiliyan) | चमड़ा उद्योग से जुड़ा समुदाय। |
देवेंद्रकुल वेल्लालर (Devendrakula Vellalar) | हाल के वर्षों में कई उप-जातियों का एकीकरण। |
अन्य | कुरवान, मन्नान, पनन आदि। |
SC समुदायों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाएँ जैसे मुफ्त शिक्षा, छात्रवृत्ति, और सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान किए जाते हैं। अरुंधतियार समुदाय को विशेष उप-कोटा 2004 में जस्टिस एम.एस. जनार्दनम की सिफारिशों के आधार पर लागू किया गया, ताकि SC के भीतर असमानताओं को कम किया जा सके।
अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes – ST) और उनकी स्थिति
अनुसूचित जनजातियाँ (ST) वे स्वदेशी समुदाय हैं, जो भौगोलिक रूप से अलग-थलग, सांस्कृतिक रूप से विशिष्ट और सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत इन्हें अधिसूचित किया गया है। तमिलनाडु में ST की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 7.21 लाख है, जो कुल जनसंख्या का 1.10% है। इन समुदायों के लिए 1% आरक्षण का प्रावधान है। तमिलनाडु में 36 ST जातियाँ या उप-जातियाँ शामिल हैं, जो मुख्य रूप से पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती हैं।नीचे दी गई तालिका में तमिलनाडु में ST श्रेणी की कुछ प्रमुख जातियों का उल्लेख है:
जाति/उप-जाति | विवरण |
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इरूलर (Irular) | उत्तरी तमिलनाडु के जंगलों और ग्रामीण क्षेत्रों में निवास। |
कोटा (Kota) | नीलगिरी क्षेत्र में निवास, पारंपरिक शिल्प और कृषि से जुड़े। |
टोडा (Toda) | नीलगिरी की पहाड़ियों में, पशुपालन और विशिष्ट संस्कृति के लिए प्रसिद्ध। |
कुरुम्बा (Kurumba) | जंगली उत्पाद संग्रहण और कृषि से जुड़ा समुदाय। |
पनिया (Paniya) | मुख्य रूप से नीलगिरी और आसपास के क्षेत्रों में। |
मलयाली (Malayali) | धर्मपुरी, वेल्लोर, तिरुवन्नामलाई आदि जिलों में निवास। |
अन्य | कट्टुनायक्कन, कनिक्कर आदि। |
ST समुदायों को शिक्षा, सरकारी नौकरियों, और विशेष योजनाओं जैसे आवास, स्वास्थ्य सुविधाएँ, और आजीविका सहायता के माध्यम से समर्थन दिया जाता है।
अन्य पिछड़ा वर्ग (Other Backward Classes – OBC) और उनकी स्थिति
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) उन समुदायों को शामिल करता है, जो सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े हैं, लेकिन SC और ST की तुलना में कम हाशिए पर हैं। मंडल आयोग (1980) की सिफारिशों के आधार पर इन्हें वर्गीकृत किया गया है। तमिलनाडु में OBC को चार उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है: पिछड़ा वर्ग (BC), पिछड़ा वर्ग (मुस्लिम) (BC Muslim), सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग (MBC), और डिनोटिफाइड समुदाय (DNC)। इनके लिए कुल 50% आरक्षण का प्रावधान है, जो 26.5% BC, 3.5% BC Muslim, और 20% MBC/DNC में विभाजित है।
नीचे दी गई तालिका में तमिलनाडु में OBC की कुछ प्रमुख जातियों का उल्लेख किया गया है:
जाति/उप-जाति | श्रेणी | विवरण |
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वन्नियार (Vanniyar) | MBC | उत्तरी तमिलनाडु में प्रमुख, कृषि और अन्य व्यवसायों से जुड़े। |
नादर (Nadar) | BC | व्यापार और उद्यमिता से जुड़ा समुदाय। |
मुदलियार (Mudaliar) | BC | शिक्षा और प्रशासन में महत्वपूर्ण योगदान। |
चेट्टियार (Chettiar) | BC | व्यापार और वित्त से जुड़ा समुदाय। |
बलिजा (Balija) | OBC | व्यापार और कृषि से जुड़ा समुदाय। |
कम्मालर (Kammalar) | OBC | शिल्प और तकनीकी कार्यों से जुड़ा समुदाय। |
यादवर (Yadavar) | OBC | कृषि और पशुपालन से जुड़ा समुदाय। |
अन्य | BC/MBC/DNC | अक्कासाली, कुरुबा आदि। |
OBC समुदायों को शिक्षा, सरकारी नौकरियों, और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में 27% (केंद्र स्तर पर) और 50% (राज्य स्तर पर) आरक्षण प्राप्त होता है। तमिलनाडु में OBC की सूची गतिशील है और समय-समय पर इसमें बदलाव हो सकता है।
सामान्य श्रेणी (General Category) और उनकी स्थिति
सामान्य श्रेणी में वे समुदाय शामिल हैं, जो SC, ST, या OBC में नहीं आते। ये समुदाय सामाजिक और शैक्षिक रूप से उन्नत माने जाते हैं। 2019 में लागू आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) नीति के तहत सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10% आरक्षण का लाभ मिलता है। तमिलनाडु में सामान्य श्रेणी की जनसंख्या का अनुमान लगभग 13% है, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक सूची नहीं है।
नीचे दी गई तालिका में सामान्य श्रेणी की कुछ प्रमुख जातियों का उल्लेख है:
जाति/उप-जाति | विवरण |
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ब्राह्मण (Brahmin) | तमिल ब्राह्मण, अय्यर, अयंगर आदि, शिक्षा और धार्मिक कार्यों से जुड़े। |
वैश्य/बनिया (Vaishya/Bania) | व्यापार और वाणिज्य से जुड़े। |
कायस्थ (Kayastha) | प्रशासन और लेखन से जुड़ा समुदाय। |
जैन बर्नवाल (Jain Barnwal) | जैन समुदाय, व्यापार से जुड़े। |
खत्री (Khatri) | व्यापार और प्रशासन से जुड़ा समुदाय। |
स्येद (Syed) | मुस्लिम समुदाय, सामान्य श्रेणी में शामिल (यदि OBC में नहीं)। |
शेख (Sheikh) | मुस्लिम समुदाय, सामान्य श्रेणी में शामिल (यदि OBC में नहीं)। |
पठान (Pathan) | मुस्लिम समुदाय, सामान्य श्रेणी में शामिल (यदि OBC में नहीं)। |
सामान्य श्रेणी के लोग खुले कोटे में प्रतिस्पर्धा करते हैं, लेकिन EWS के लिए 10% आरक्षण का लाभ ले सकते हैं, बशर्ते उनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम हो।
तमिलनाडु की आरक्षण नीति
तमिलनाडु भारत में सबसे व्यापक आरक्षण नीति लागू करने वाला राज्य है, जहाँ कुल 69% आरक्षण प्रदान किया जाता है। इसका विवरण निम्नलिखित है:
- SC: 18% (3% अरुंधतियार के लिए)
- ST: 1%
- BC (सहित BC Muslim): 30% (26.5% BC + 3.5% BC Muslim)
- MBC/DNC: 20%
- EWS: 10% (सामान्य श्रेणी के लिए)
यह नीति तमिलनाडु पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (शैक्षिक संस्थानों में सीटों और राज्य के अधीन सेवाओं में नियुक्तियों या पदों का आरक्षण) अधिनियम, 1993 पर आधारित है।
जाति प्रमाणपत्र और उसे बनवाने की प्रक्रिया
SC, ST, OBC, और EWS श्रेणियों के लाभ प्राप्त करने के लिए जाति प्रमाणपत्र आवश्यक है। तमिलनाडु में इसे e-Sevai पोर्टल या तहसीलदार कार्यालय के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। कुछ जातियों, जैसे संबवर (Sambavar), के वर्गीकरण में भ्रम हो सकता है, क्योंकि यह SC (S.N. 56) में शामिल है, लेकिन कभी-कभी इसे BC के रूप में गलत दर्ज किया जाता है। ऐसी स्थिति में तहसीलदार से स्पष्टीकरण लेना चाहिए।
निष्कर्ष
तमिलनाडु में SC, ST, OBC, और सामान्य श्रेणी में विभिन्न जातियों का वर्गीकरण सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन के आधार पर किया गया है। SC में 76, ST में 36, और OBC में सैकड़ों जातियाँ शामिल हैं, जो BC, MBC, BC Muslim, और DNC में विभाजित हैं। सामान्य श्रेणी में वे समुदाय आते हैं, जो आरक्षित श्रेणियों में शामिल नहीं हैं, और EWS के लिए 10% आरक्षण लागू है। यह लेख तमिलनाडु सरकार, भारत सरकार, और 2011 की जनगणना जैसे प्रामाणिक स्रोतों पर आधारित है। यदि आपको किसी विशिष्ट जाति के बारे में और जानकारी चाहिए, तो तमिलनाडु सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग से संपर्क करें।
नोट: जाति सूचियाँ और आरक्षण नीतियाँ समय-समय पर बदल सकती हैं। नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों की जाँच करें।
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