बिहार, भारत का एक प्रमुख राज्य, अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है। यहां की जाति व्यवस्था सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक आधार पर विभिन्न श्रेणियों में विभाजित है, जैसे अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), और सामान्य वर्ग (General)। इन श्रेणियों में शामिल जातियां बिहार सरकार और भारत सरकार के आधिकारिक दस्तावेजों, जैसे संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950, और 2023 की बिहार जाति गणना, पर आधारित हैं।
इस लेख में हम बिहार की इन सभी जाति श्रेणियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे, जो प्रामाणिक स्रोतों से ली गई है। यह जानकारी उन लोगों के लिए उपयोगी होगी जो बिहार में जाति-आधारित आरक्षण, सामाजिक संरचना, और जनसंख्या वितरण को समझना चाहते हैं।
बिहार में जाति व्यवस्था
बिहार की कुल जनसंख्या 2023 की जाति गणना के अनुसार लगभग 13.07 करोड़ है। इसमें OBC (पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग) की हिस्सेदारी 63.13%, SC की 19.65%, ST की 1.68%, और सामान्य वर्ग की 15.52% है। बिहार में OBC को दो उप-श्रेणियों में बांटा गया है: पिछड़ा वर्ग (BC-1) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC/BC-2)। प्रत्येक श्रेणी की जातियों को भारत सरकार और बिहार सरकार द्वारा निर्धारित सूचियों में शामिल किया गया है, और इनके आधार पर आरक्षण और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। आइए, इन श्रेणियों को विस्तार से देखें।
1. अनुसूचित जाति (SC) की सूची
अनुसूचित जाति (SC) में वे समुदाय शामिल हैं जो सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित माने जाते हैं। बिहार में SC की जनसंख्या लगभग 2.6 करोड़ (19.65%) है, और इसमें 22 जातियां शामिल हैं। इन जातियों को संवैधानिक प्रावधानों के तहत 16% आरक्षण प्राप्त है।
श्रेणी | जातियां |
---|---|
अनुसूचित जाति (SC) | बांतर, भोगता, भुइयां, भूमिज, चमार (मोची, चमार-रविदास, चमार-रोहिदास, चर्मकार), चौपाल, दबगर, धोबी (रजक), डोम (धंगद, बंसफोर, धारीकर, धाकड़), दुसाध (धारी, धरही), गोंड, हरि (मेहतर, भंगी), कनजर, मुसहर, नट,ავल्सी, पान (सवासी, पनर), पासी, रजवार, संताल, तुरिहा, बौरी, बल्मीकि |
नोट: सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में बिहार सरकार के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, जिसमें तांती-तंतवा को SC सूची में शामिल करने की कोशिश की गई थी। SC सूची में बदलाव का अधिकार केवल संसद के पास है।
SC समुदाय बिहार के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में फैले हुए हैं और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हैं।
2. अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची
अनुसूचित जनजाति (ST) में बिहार के आदिवासी और स्वदेशी समुदाय शामिल हैं। इनकी जनसंख्या लगभग 22 लाख (1.68%) है, और इन्हें 1% आरक्षण प्राप्त है। ST समुदाय मुख्य रूप से किशनगंज, पूर्णिया, और कैमूर जैसे क्षेत्रों में निवास करते हैं।
श्रेणी | जातियां |
---|---|
अनुसूचित जनजाति (ST) | असुर, बैगा, बनजारा, बथुडी, बेदिया, भूमिज, बिरहोर, बिरजिया, चेरु, चिक बराईक, गोंड, गोराईत, हो, कर्माली, खरवार, खेरिया, खोंड, किसान, कोरवा, लोहरा, महली, माल पहाड़िया, मुंडा, उरांव, पारहिया, संताल, सावर, सौरिया पहाड़िया, थारू |
ST समुदाय अपनी अनूठी सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं के लिए जाने जाते हैं। इनके लिए विशेष विकास योजनाएं चलाई जाती हैं।
3. अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की सूची
बिहार में OBC को दो उप-श्रेणियों में बांटा गया है: पिछड़ा वर्ग (BC-1) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC/BC-2)। OBC की कुल जनसंख्या 63.13% (BC: 27.13%, EBC: 36.01%) है, और इन्हें 30% आरक्षण (BC-1: 12%, EBC: 18%) प्राप्त है। OBC में कुल 146 जातियां शामिल हैं।
श्रेणी | प्रमुख जातियां |
---|---|
पिछड़ा वर्ग (BC-1) | यादव, कुर्मी, कुशवाहा, कोइरी, तेली, बनिया (वैश्य), कहार, मल्लाह, लोहार, सोना (सोनार) |
अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC/BC-2) | नाई (नाविक), धनुक, कुम्हार, केवट, बिंद, नट, हलवाई, कंडु, पान, तांती-तंतवा |
OBC समुदाय बिहार की सामाजिक और राजनीतिक संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनमें कई जातियां आर्थिक रूप से प्रगतिशील हैं, लेकिन शैक्षिक और सामाजिक पिछड़ेपन के कारण इन्हें आरक्षण का लाभ दिया जाता है।
4. सामान्य वर्ग (General) की सूची
सामान्य वर्ग में वे जातियां शामिल हैं जिन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलता। इनकी जनसंख्या 15.52% है।
श्रेणी | प्रमुख जातियां |
---|---|
सामान्य वर्ग | ब्राह्मण (3.67%), राजपूत (3.45%), भूमिहार (2.89%), कायस्थ, वैश्य (कुछ उप-जातियां) |
सामान्य वर्ग की कुछ जातियां आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के तहत 10% आरक्षण का लाभ ले सकती हैं, बशर्ते उनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम हो।
बिहार जाति गणना 2023: प्रमुख आंकड़े
2023 की बिहार जाति गणना ने सामाजिक संरचना को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं:
- कुल जनसंख्या: 13.07 करोड़
- OBC (BC + EBC): 63.13%
- SC: 19.65%
- ST: 1.68%
- सामान्य वर्ग: 15.52%
यह गणना बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत की गई थी।
निष्कर्ष
बिहार की जाति व्यवस्था सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। SC, ST, और OBC श्रेणियों को आरक्षण और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जबकि सामान्य वर्ग के लिए EWS कोटा उपलब्ध है। यह आर्टिकल प्रामाणिक और नवीनतम जानकारी पर आधारित है, जो छात्रों, शोधकर्ताओं, और सामान्य पाठकों के लिए उपयोगी है। अधिक जानकारी के लिए बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित PDF देखें।
यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में SC, ST, OBC और General की कौन सी हैं नोटिफाइड जातियां-उपजातियां?
यह भी पढ़ें- गुजरात में SC, ST, OBC और General की कौन सी हैं नोटिफाइड जातियां-उपजातियां?
यह भी पढ़ें- झारखंड में SC, ST, OBC और General की कौन सी हैं नोटिफाइड जातियां-उपजातियां?