झारखंड में SC, ST, OBC और General की कौन सी हैं नोटिफाइड जातियां-उपजातियां?

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झारखंड, भारत का एक समृद्ध सांस्कृतिक और जनजातीय राज्य, अपनी विविधता और सामाजिक संरचना के लिए जाना जाता है। यहाँ की जातियों को भारत सरकार और झारखंड राज्य सरकार द्वारा चार प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: अनुसूचित जनजाति (ST), अनुसूचित जाति (SC), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), और सामान्य श्रेणी (General)। यह वर्गीकरण सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े समुदायों को आरक्षण और अन्य सुविधाएँ प्रदान करने के लिए किया गया है। इस आर्टिकल में हम इन श्रेणियों में शामिल जातियों की प्रामाणिक जानकारी, उनके आरक्षण के लाभ, और प्रमाणपत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाएँगे।

झारखंड में अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes – ST)

झारखंड की पहचान उसकी समृद्ध जनजातीय संस्कृति से है। अनुसूचित जनजातियाँ (ST) वे समुदाय हैं जो अपनी अनूठी सांस्कृतिक परंपराओं, भाषा, और ग्रामीण-वनवासी जीवनशैली के लिए जाने जाते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, झारखंड की कुल आबादी का लगभग 26% हिस्सा ST समुदायों का है, जो लगभग 8.6 मिलियन लोग हैं। इन समुदायों को सरकारी नौकरियों, शिक्षा, और विधायी निकायों में 26% आरक्षण प्राप्त है। झारखंड में कुल 32 अनुसूचित जनजातियाँ अधिसूचित हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:

श्रेणीप्रमुख जातियाँ
अनुसूचित जनजाति (ST)संताल (Santhal), मुंडा (Munda), उरांव (Oraon), हो (Ho), भूमिज (Bhumij), खड़िया (Kharia), लोहरा (Lohra), खरवार (Kharwar), महली (Mahli), चेरा (Chera), गोंड (Gond), कोल (Kol), सावर (Savar), बिरहोर (Birhor), बैगा (Baiga), पहाड़िया (Paharia)

इन जनजातियों की सूची भारत सरकार के आदिवासी मामलों के मंत्रालय (tribal.nic.in) और संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 के तहत अधिसूचित है। ST समुदायों को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए विशेष योजनाएँ, जैसे स्कॉलरशिप, आवास, और रोजगार के अवसर, प्रदान किए जाते हैं।

झारखंड में अनुसूचित जाति (Scheduled Castes – SC)

अनुसूचित जातियाँ (SC) वे समुदाय हैं जो ऐतिहासिक रूप से सामाजिक भेदभाव और आर्थिक पिछड़ेपन का शिकार रहे हैं। झारखंड में SC समुदाय की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार कुल आबादी का लगभग 12% है। इन्हें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 12% आरक्षण का लाभ मिलता है। झारखंड में कुल 22 अनुसूचित जातियाँ अधिसूचित हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नीचे दी गई हैं:

श्रेणीप्रमुख जातियाँ
अनुसूचित जाति (SC)चमार (Chamar), मोची (Mochi), धोबी (Dhobi), डोम (Dom), डोमर (Domar), भुइयां (Bhuiya), दुसाध (Dusadh), धारी (Dhari), गोंडा (Gonda), भोगता (Bhogta), पासी (Pasi), हारी (Hari), मेहतर (Mehtar), भंगी (Bhangi), मुसहर (Musahar), टुरी (Turi)

SC प्रमाणपत्र उप-मंडल अधिकारी (SDO) द्वारा जारी किए जाते हैं, और इसके लिए कोई आयु सीमा नहीं है। यह सूची सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (socialjustice.gov.in) और संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 पर आधारित है। हाल ही में INCIndia ने अपने X पोस्ट में घोषणा की कि झारखंड में SC के लिए 12% आरक्षण को और मजबूत किया जाएगा।

झारखंड में अन्य पिछड़ा वर्ग (Other Backward Classes – OBC)

अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में वे समुदाय शामिल हैं जो सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े हैं, लेकिन SC या ST की श्रेणी में नहीं आते। झारखंड में OBC को दो उप-श्रेणियों में बाँटा गया है: BC-1 (अत्यंत पिछड़ा वर्ग) और BC-2 (पिछड़ा वर्ग)। केंद्रीय सूची में झारखंड के लिए 106 जातियाँ शामिल हैं, जो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) द्वारा अधिसूचित हैं। कुछ प्रमुख OBC जातियाँ निम्नलिखित हैं:

श्रेणीप्रमुख जातियाँ
BC-1 (अत्यंत पिछड़ा वर्ग)कहार (Kahar), चंद्रवंशी (Chandravanshi), लोहार (Lohar), तेली (Teli), कोइरी (Koeri), कुर्मी (Kurmi), माली (Mali)
BC-2 (पिछड़ा वर्ग)यादव (Yadav), साहू (Sahu), सुनार (Sunar), बरई (Barai), गंधबनिक (Gandhabanik), बनिया (Bania)

OBC समुदायों को केंद्रीय सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 27% आरक्षण प्राप्त है। हाल ही में, झारखंड सरकार ने 36 और जातियों को केंद्रीय OBC सूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है, जिसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंजूरी दी है। OBC प्रमाणपत्र के लिए आवेदन झारखंड सरकार के पोर्टल jharsewa.jharkhand.gov.in के माध्यम से किया जा सकता है। Pew Research Center के अनुसार, झारखंड में लगभग 35% लोग स्वयं को OBC के रूप में पहचानते हैं।

झारखंड में सामान्य श्रेणी (General Category)

सामान्य श्रेणी में वे जातियाँ शामिल हैं जो SC, ST, या OBC की श्रेणियों में नहीं आतीं। ये समुदाय सामाजिक और शैक्षिक रूप से अपेक्षाकृत उन्नत माने जाते हैं। हालाँकि, सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10% आरक्षण का लाभ मिलता है। कुछ प्रमुख सामान्य श्रेणी की जातियाँ निम्नलिखित हैं:

श्रेणीप्रमुख जातियाँ
सामान्य श्रेणी (General)ब्राह्मण (Brahmin), राजपूत (Rajput), कायस्थ (Kayastha), भूमिहार (Bhumihar), वैश्य/बनिया (Vaishya/Bania), जैन बर्णवाल (Jain Barnwal), खत्री (Khatri), सिंधी (Sindhi), सैयद, शेख, पठान (कुछ मुस्लिम समुदाय)

सामान्य श्रेणी की कोई आधिकारिक सूची नहीं है, लेकिन EWS प्रमाणपत्र उन परिवारों को जारी किया जाता है जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है। कुछ जातियाँ, जैसे त्यागी (Tyagi), झारखंड में सामान्य श्रेणी में आती हैं, जबकि अन्य राज्यों में OBC हो सकती हैं।

प्रमाणपत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया

झारखंड में जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करना सरल और पारदर्शी प्रक्रिया है। SC और ST प्रमाणपत्र उप-मंडल अधिकारी (SDO) द्वारा जारी किए जाते हैं, और इसके लिए कोई आयु सीमा नहीं है। OBC प्रमाणपत्र के लिए आवेदन ऑनलाइन पोर्टल jharsewa.jharkhand.gov.in के माध्यम से किया जा सकता है। EWS प्रमाणपत्र के लिए आय और संपत्ति का प्रमाण देना आवश्यक है। गलत प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर कठोर दंड का प्रावधान है।

निष्कर्ष

झारखंड में SC, ST, OBC, और General श्रेणियों में जातियों का वर्गीकरण सामाजिक-शैक्षिक समानता को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। ST में आदिवासी समुदाय, SC में ऐतिहासिक रूप से वंचित जातियाँ, OBC में BC-1 और BC-2 के तहत पिछड़े समुदाय, और General में उन्नत जातियाँ शामिल हैं। यह जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, आदिवासी मामलों के मंत्रालय, NCBC, और झारखंड सरकार के आधिकारिक स्रोतों पर आधारित है। यदि आप किसी विशिष्ट जाति या प्रमाणपत्र प्रक्रिया के बारे में और जानना चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट्स या स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।

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