मध्य प्रदेश में SC, ST, OBC और General की कौन सी हैं नोटिफाइड जातियां-उपजातियां?

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मध्य प्रदेश, भारत का एक प्रमुख राज्य है, जहां सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को आरक्षण और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए जातियों को अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और सामान्य (General) श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। यह वर्गीकरण भारत के संविधान और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं पर आधारित है।

इस आर्टिकल में हम मध्य प्रदेश में इन श्रेणियों में शामिल प्रमुख जातियों की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, जो प्रामाणिक स्रोतों जैसे मध्य प्रदेश सरकार के आधिकारिक पोर्टल्स और भारत सरकार के मंत्रालयों से प्राप्त की गई है। यह आर्टिकल उन लोगों के लिए उपयोगी है जो मध्य प्रदेश की जाति व्यवस्था, आरक्षण नीतियों और सामाजिक संरचना को समझना चाहते हैं।

अनुसूचित जाति (SC) की सूची

मध्य प्रदेश में अनुसूचित जातियां (SC) सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को दर्शाती हैं, जिन्हें संवैधानिक आरक्षण और सुरक्षा प्रदान की जाती है। 2011 की जनगणना के अनुसार, मध्य प्रदेश की कुल आबादी का 15.62% (लगभग 1.13 करोड़) लोग SC श्रेणी से हैं। मध्य प्रदेश में SC के लिए 16% आरक्षण का प्रावधान है। ये जातियां भारत के संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश, 1950 और इसके बाद के संशोधनों के आधार पर सूचीबद्ध हैं।

श्रेणीप्रमुख जातियां/उपजातियांविशेष जानकारी
SCचमार, चमारी, जाटव, मोची, रैदास, सतनामी, अहिरवार, सूर्यवंशीसबसे बड़ी SC जाति, विभिन्न उपजातियों के साथ।
बलाही, बलाईसामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े।
बसोर, बुरुद, बंसोर, बंसोरीबांस से संबंधित कार्य करने वाले समुदाय।
कोतवालकेवल भिण्ड, धार, देवास, गुना, ग्वालियर, इंदौर, झाबुआ, खरगोन, मंदसौर, मुरैना, राजगढ़, रतलाम, शाजापुर, शिवपुरी, उज्जैन, और विदिशा जिलों में।
मेघवाल, धोबी, रजक, डोम, बंचड़ा, बावरिया, धनकअन्य प्रमुख SC समुदाय।

मध्य प्रदेश में कुल 48 अनुसूचित जातियां/उपजातियां हैं। इनमें से चमार और बसोर जैसी जातियां व्यापक रूप से फैली हुई हैं। पूर्ण सूची के लिए मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति विकास पोर्टल (scdevelopmentmp.nic.in) या सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (socialjustice.gov.in) की वेबसाइट देखी जा सकती है। SC समुदायों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं जैसे अनुसूचित जाति उप-योजना (SCSP) लागू हैं, जो इन समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देती हैं।

अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची

मध्य प्रदेश भारत का सबसे अधिक अनुसूचित जनजाति (ST) आबादी वाला राज्य है। 2011 की जनगणना के अनुसार, ST की जनसंख्या कुल आबादी का 21.09% (लगभग 1.53 करोड़) है। इन समुदायों को 7% आरक्षण का लाभ मिलता है। मध्य प्रदेश में 46 अनुसूचित जनजातियां हैं, जो मुख्य रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में निवास करती हैं।

श्रेणीप्रमुख जनजातियां/उपजातियांविशेष जानकारी
STगोंड (अरख, अगरिया, असुर, बडी मारिया, छोटा मारिया, धुरिया, कंद्रा, कोया, माडिया, मुरिया, राज गोंड)सबसे बड़ी जनजाति, कई उपजातियों के साथ।
बैगाअति पिछड़ी जनजाति, विशेष संरक्षण प्राप्त।
सहरियाअति पिछड़ी जनजाति, सामाजिक-आर्थिक विकास योजनाओं का लाभ।
कोलदूसरी सबसे बड़ी जनजाति, 22 उपशाखाओं के साथ।
भारिया, पारधी, पनिका, उरांव, धनका, मुंडाअन्य प्रमुख ST समुदाय।

गोंड मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति है, जो विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई है। बैगा और सहरिया जैसी जनजातियों को विशेष रूप से पिछड़ा माना जाता है, और इन्हें आदिम जनजातीय समूह विकास योजना (PTGDS) के तहत अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाती है। पूर्ण सूची के लिए मध्य प्रदेश आदिवासी विभाग (tribal.mp.gov.in) या जनजातीय मामले मंत्रालय (tribal.nic.in) की वेबसाइट देखें।

अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की सूची

मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की जनसंख्या कुल आबादी का लगभग 50.09% है, जो इसे सबसे बड़ी सामाजिक श्रेणी बनाती है। OBC समुदायों को 27% आरक्षण का लाभ मिलता है। मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा समय-समय पर OBC की सूची संशोधित की जाती है।

श्रेणीप्रमुख जातियां/उपजातियांविशेष जानकारी
OBCअहीर, यादव (ब्रजवासी, गवली, जादव, राउत, गोपाल)4% जनसंख्या, कृषि और पशुपालन से जुड़े।
माली, काछी3.95% जनसंख्या, सब्जी और फूलों की खेती से संबंधित।
कुर्मी, कुनबी3.59% जनसंख्या, कृषक समुदाय।
लोधी2.96% जनसंख्या, कृषि और ग्रामीण व्यवसाय से जुड़े।
तेली, नाई, कुम्हार, गुर्जर, गड़रिया, बंजाराअन्य प्रमुख OBC समुदाय।

OBC की सूची में समय-समय पर संशोधन होता रहता है। नवीनतम सूची के लिए मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की आधिकारिक वेबसाइट देखें। यादव, कुर्मी, और गुर्जर जैसी जातियां मध्य प्रदेश में सामाजिक और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं।

सामान्य (General) श्रेणी की सूची

सामान्य (General) श्रेणी में वे जातियां शामिल हैं जो SC, ST, या OBC में सूचीबद्ध नहीं हैं। मध्य प्रदेश में सामान्य श्रेणी की जनसंख्या लगभग 5% है। इस श्रेणी के लोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के तहत 10% आरक्षण के लिए पात्र हो सकते हैं।

श्रेणीप्रमुख जातियांविशेष जानकारी
Generalब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ, भूमिहार, वैश्य/बनिया, जैन बर्णवाल, खत्री, सिंधीसामाजिक और शैक्षिक रूप से अग्रणी समुदाय।
सैयद, शेख, पठान (मुस्लिम)कुछ मुस्लिम समुदाय सामान्य श्रेणी में।

सामान्य श्रेणी की कोई आधिकारिक सूची नहीं है, लेकिन उपरोक्त जातियां सामान्यतः इस श्रेणी में शामिल मानी जाती हैं। EWS आरक्षण के लिए पात्रता की जांच मध्य प्रदेश सरकार के दिशानिर्देशों के आधार पर की जा सकती है।

मध्य प्रदेश में जाति व्यवस्था और आरक्षण नीति

मध्य प्रदेश में जाति व्यवस्था सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार, मध्य प्रदेश में निम्नलिखित आरक्षण नीतियां लागू हैं:

  • SC: 15% (केंद्र) + 1% (राज्य) = 16%
  • ST: 7.5% (केंद्र) + 12.5% (राज्य) = 20%
  • OBC: 27%
  • EWS: 10%

ये आरक्षण सरकारी नौकरियों, शैक्षिक संस्थानों और अन्य कल्याणकारी योजनाओं में लागू होते हैं। मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 और अस्पृश्यता प्रथा अधिनियम, 1955 जैसे कानून SC और ST समुदायों को संरक्षण प्रदान करते हैं।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश में जाति व्यवस्था सामाजिक समावेश और विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। SC, ST, OBC और सामान्य श्रेणियों में शामिल जातियां सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह आर्टिकल आपको मध्य प्रदेश की जाति सूची और आरक्षण नीतियों की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। नवीनतम और पूर्ण सूची के लिए हमेशा आधिकारिक सरकारी पोर्टल्स की जांच करें।

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