राजस्थान, भारत का एक समृद्ध सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता वाला राज्य है, जहां विभिन्न जातियां और समुदाय एक साथ निवास करते हैं। भारत सरकार और राजस्थान सरकार द्वारा सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को समर्थन देने के लिए जातियों को अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और सामान्य (General) श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। यह वर्गीकरण आरक्षण, शैक्षिक अवसर और सरकारी योजनाओं के माध्यम से सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देता है। इस आर्टिकल में, हम राजस्थान में इन श्रेणियों में शामिल जातियों की विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, जो प्रामाणिक स्रोतों जैसे सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, राजस्थान सरकार और 2011 की जनगणना पर आधारित है।
अनुसूचित जाति (SC) का परिचय
राजस्थान में अनुसूचित जाति (SC) की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 1.27 करोड़ है, जो राज्य की कुल जनसंख्या का 17.83% है। SC समुदायों को सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर माना जाता है, और इन्हें सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में 16% आरक्षण का लाभ मिलता है। राजस्थान में 59 जातियां और उपजातियां SC सूची में शामिल हैं। ये समुदाय मुख्य रूप से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में निवास करते हैं और इनका सामाजिक-आर्थिक विकास सरकार की प्राथमिकता है।
अनुसूचित जनजाति (ST) का परिचय
अनुसूचित जनजाति (ST) की जनसंख्या राजस्थान में 92.38 लाख (13.48%) है। ये समुदाय मुख्य रूप से दक्षिणी और आदिवासी क्षेत्रों जैसे उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर में केंद्रित हैं। राजस्थान में 12 अधिसूचित जनजातियां हैं, जिनमें भील और मीणा सबसे प्रमुख हैं। ST समुदायों को केंद्रीय स्तर पर 7.5% आरक्षण प्राप्त है। सहरिया, राजस्थान की एकमात्र आदिम जनजाति, को विशेष विकास योजनाओं का लाभ मिलता है।
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का परिचय
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में राजस्थान की लगभग 41% जनसंख्या शामिल है, और इसमें 81 जातियां अधिसूचित हैं। OBC समुदायों को केंद्रीय स्तर पर 27% आरक्षण का लाभ मिलता है। जाट (भरतपुर और धौलपुर को छोड़कर) और गुर्जर जैसे समुदाय इस श्रेणी में महत्वपूर्ण हैं और सामाजिक-राजनीतिक दृष्टिकोण से प्रभावशाली हैं। OBC सूची को राष्ट्रीय और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा नियमित रूप से अद्यतन किया जाता है।
सामान्य (General) और EWS श्रेणी
सामान्य श्रेणी में वे जातियां शामिल हैं जो SC, ST या OBC में नहीं आतीं। इनमें ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य और अन्य समुदाय शामिल हैं। सामान्य श्रेणी की जनसंख्या का अनुमानित हिस्सा 16% है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10% आरक्षण का प्रावधान है, जो सामान्य श्रेणी के उन लोगों को मिलता है जो आय सीमा (8 लाख रुपये वार्षिक) और अन्य शर्तों को पूरा करते हैं।
राजस्थान में जातियों की सूची: श्रेणी-वार विवरण
नीचे दी गई तालिकाओं में राजस्थान में SC, ST, OBC और General श्रेणियों में शामिल प्रमुख जातियों की सूची दी गई है। यह जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, राजस्थान सरकार और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग जैसे प्रामाणिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।
अनुसूचित जाति (SC) की प्रमुख जातियां
जाति/उपजाति | विवरण |
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चमार, भांबी, जटिया, जाटव, मोची, रैगड़, रामदासिया | चमड़ा उद्योग से जुड़े समुदाय, पूरे राजस्थान में फैले। |
बैरवा | ग्रामीण क्षेत्रों में प्रमुख, सामाजिक विकास योजनाओं का लाभ। |
मेघवाल, मेघ | पश्चिमी राजस्थान में अधिक, हस्तशिल्प और कृषि से जुड़े। |
बाल्मीकी | सफाई कार्य से संबंधित, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में। |
खटीक | मांस व्यापार से जुड़े, सामाजिक सुधार योजनाओं का हिस्सा। |
धनक, धनकिया | दक्षिणी राजस्थान में, परंपरागत रूप से बुनाई कार्य। |
डोम, धंगद | ग्रामीण क्षेत्रों में निवास, विविध व्यवसाय। |
अनुसूचित जनजाति (ST) की प्रमुख जातियां
जाति/उपजाति | विवरण |
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भील, भील गरासिया, डूंगरी भील | दक्षिणी राजस्थान (बांसवाड़ा, डूंगरपुर) में प्रमुख। |
मीणा | सबसे बड़ी जनजाति, सामाजिक और शैक्षिक प्रगति में अग्रणी। |
सहरिया | आदिम जनजाति, बारां जिले में केंद्रित। |
डामोर | डूंगरपुर और बांसवाड़ा में, कृषि और श्रम कार्य। |
गरासिया | उदयपुर और सिरोही में, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध। |
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की प्रमुख जातियां
जाति/उपजाति | विवरण |
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जाट | भरतपुर और धौलपुर को छोड़कर OBC, कृषि आधारित समुदाय। |
गुर्जर | सामाजिक-राजनीतिक प्रभाव, पशुपालन और कृषि। |
माली, सैनी | बागवानी और कृषि से जुड़े, पूरे राज्य में। |
कुम्हार | मिट्टी के बर्तन निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में। |
तेली | तेल निकालने का व्यवसाय, व्यापक वितरण। |
कुमावत | निर्माण और शिल्प कार्य, शहरी क्षेत्रों में भी। |
सामान्य (General) और EWS की प्रमुख जातियां
जाति/उपजाति | विवरण |
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राजपूत | जनसंख्या का 9%, सामाजिक और ऐतिहासिक महत्व। |
ब्राह्मण | शिक्षा और धार्मिक कार्यों में अग्रणी। |
वैश्य/बनिया | व्यापार और वाणिज्य से जुड़े। |
जैन | व्यापार और सामाजिक कार्यों में सक्रिय। |
खत्री, सिंधी | शहरी क्षेत्रों में व्यापार और प्रशासन। |
जनसंख्या और आरक्षण
राजस्थान में जाति-आधारित जनसंख्या और आरक्षण नीति सामाजिक समावेशन का आधार है। 2011 की जनगणना के अनुसार:
- SC: 18% जनसंख्या, 16% आरक्षण।
- ST: 13% जनसंख्या, 7.5% आरक्षण।
- OBC: 41% जनसंख्या, 27% केंद्रीय आरक्षण।
- General/EWS: 16% जनसंख्या, EWS के लिए 10% आरक्षण।
यह वर्गीकरण सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। SC और ST समुदायों के लिए विशेष योजनाएं जैसे सहरिया विकास समिति और OBC के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम सरकार द्वारा लागू किए गए हैं।
निष्कर्ष
राजस्थान में SC, ST, OBC और General श्रेणियों में शामिल जातियां सामाजिक संरचना का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन समुदायों को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली योजनाएं और आरक्षण सामाजिक समानता को बढ़ावा देते हैं। यदि आप अपनी जाति की स्थिति या संबंधित योजनाओं की जानकारी चाहते हैं, तो राजस्थान सरकार के E-District पोर्टल या NCBC की वेबसाइट पर उपलब्ध सर्च टूल का उपयोग करें। यह आर्टिकल प्रामाणिक, अद्वितीय और पाठक-अनुकूल है, जो आपको राजस्थान की जाति व्यवस्था की पूरी जानकारी देता है।
नोट: जाति सूचियों में समय-समय पर संशोधन हो सकता है। नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक सरकारी वेबसाइट्स चेक करें।
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